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Who Wrote Hanuman Chalisa ?

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क्या आप जानते हैं? हनुमान चालीसा के लेखक के बारे में रोचक तथ्य

Who Wrote Hanuman Chalisa : हनुमान चालीसा, भगवान हनुमान की भक्तिमय स्तुति, हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय भजनों में से एक है। इसकी सरल भाषा, भक्ति का भाव और दिव्य शक्ति का विश्वास हर किसी को अपनी ओर खींचता है। लेकिन एक सवाल जो हर भक्त के मन में उठता है, वह यह है – हनुमान चालीसा किसने लिखी?

इस लेख में, हम इस प्रश्न का गहन अन्वेषण करेंगे, विभिन्न मतों की पड़ताल करेंगे और साथ ही हनुमान चालीसा के महत्व और पाठ विधि के बारे में भी चर्चा करेंगे।

हनुमान चालीसा के पीछे का रहस्य

हनुमान चालीसा एक भक्तिमय स्तुति है जो भगवान हनुमान की स्तुति करती है। यह हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय भजनों में से एक है और माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भारत में हुई है।

हनुमान चालीसा, भगवान हनुमान को समर्पित 40 छंदों वाला एक भक्ति भजन है, जिसका श्रेय पौराणिक तुलसीदास को दिया जाता है। 16वीं सदी के इस कवि-संत ने हिंदी की एक बोली, अवधी में छंद लिखे, जिससे सांस्कृतिक और भाषाई सीमाओं से परे एक कालजयी कृति का निर्माण हुआ।

Who wrote the hanuman chalisa

चालीसा के लेखक के बारे में विद्वानों के बीच मतभेद है, लेकिन आम तौर पर माना जाता है कि इसे 16वीं शताब्दी के महान कवि संत तुलसीदास ने लिखा था। तुलसीदास रामायण के अवधी भाषा में पुनर्लेखन के लिए जाने जाते हैं, जिसे रामचरितमानस कहा जाता है।

हनुमान चालीसा 40 छंदों से बना है, जिन्हें चौपाई कहा जाता है। प्रत्येक चौपाई भगवान हनुमान के गुणों और कार्यों की प्रशंसा करता है। चालीसा को भक्तों द्वारा भगवान हनुमान से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है।

कुछ विद्वानों का मानना है कि चालीसा को तुलसीदास के समकालीन गोस्वामी विष्णुदास ने लिखा था। हालांकि, अधिकांश विद्वान इस बात से सहमत हैं कि तुलसीदास ही इसके लेखक थे। चालीसा के अंतिम छंद में तुलसीदास ने अपना नाम भी दिया है।

हनुमान चालीसा को पूरे भारत में हिंदूओं द्वारा गाया जाता है। यह विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को लोकप्रिय है, जो हनुमान के दिन माने जाते हैं। चालीसा का अनुवाद कई भाषाओं में भी किया गया है और दुनिया भर के हिंदूओं द्वारा गाया जाता है।

Who Wrote Hanuman Chalisa : विचार-विमर्श के प्रमुख बिंदु:

  1. भाषाशैली: चालीसा की अवधी भाषा तुलसीदास की लेखन शैली से मेल खाती है।
  2. राम भक्ति: दोनों कृतियों, चालीसा और रामचरितमानस, में हनुमान के प्रति असीम भक्ति और राम के प्रति समर्पण झलकता है।
  3. ऐतिहासिक प्रमाण: हालांकि कोई निश्चित प्रमाण नहीं है, कई ऐतिहासिक स्रोत तुलसीदास को चालीसा का लेखक मानते हैं।

तुलसीदास: दिव्य कवि

1532 में जन्मे तुलसीदास ने आध्यात्मिक खोज शुरू की जिसके कारण उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना की। भगवान राम और हनुमान के प्रति उनकी भक्ति ने उनकी काव्यात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा दिया, जिसमें हिंदू आध्यात्मिकता का सार समाहित था।

हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा को हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण भजनों में से एक माना जाता है। इसके कई कारण हैं:

Hanuman chalisa lyrics

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें

हनुमान चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष तरीका नहीं है। आप इसे कहीं भी, कभी भी पढ़ सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग मंगलवार या शनिवार को सुबह स्नान करने के बाद चालीसा का पाठ करना पसंद करते हैं।

चालीसा का पाठ करते समय, एक शांत स्थान पर बैठें और अपना ध्यान केंद्रित करें। भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने बैठना भी लाभकारी हो सकता है। चालीसा को धीमी गति से और स्पष्ट रूप से पढ़ें। पाठ के अर्थ पर ध्यान दें और भगवान हनुमान के प्रति भक्तिभाव रखें।

निष्कर्ष :

हनुमान चालीसा एक सुंदर और शक्तिशाली भजन है। यह भगवान हनुमान की स्तुति करता है और हमें उनकी शक्ति, बुद्धि और भक्ति की याद दिलाता है। चालीसा का पाठ करने से मन की शांति, समृद्धि और मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिलती है।

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